illuminati दुनिया का सबसे खतरानाक खुफ़िया समूह

illuminati एक Secret Group है जो की राक्षसों की पूजा करते है. इसका स्थापना 1776 में जर्मनी एडम विशाप ने किया और उस समय इसका नाम था "The Order Of Illuminati" यह के Secret Community है. जो भी इंसान इस Community को ज्वाइन करता है वह इसके बारे किसी और को नहीं बता सकता है. जिस तरह से हम सभी भगवान/अल्लाह/गॉड की पूजा करते है वैसे ही Illuminati के Member राक्षस यानि लुस्फिर की पूजा करते है.

शहीद उधम सिंह की आत्मकथा

मुझे जानते हो? शहर के चौक पे लगा बुत कुछ कुछ मेरी शक्ल से मिलता है और उस पर नाम लिखा रहता है – शहीद उधम सिंह। मेरी जिंदगी की दास्तान जानने की इच्छा है। कहां से शुरु करें। चलो शुरु से ही शुरु करता हूं।

कैसे बर्बाद किया गया हमारे देश की शिक्षा प्रणाली को - मैकाले की अग्रेजी शिक्षा व्यवस्था

मैं भारत में काफी घुमा हूँ। दाएँ- बाएँ, इधर उधर मैंने यह देश छान मारा और मुझे एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं दिखाई दिया, जो भिखारी हो, जो चोर हो। इस देश में मैंने इतनी धन दौलत देखी है, इतने ऊँचे चारित्रिक आदर्श और इतने गुणवान मनुष्य देखे हैं की मैं नहीं समझता की हम कभी भी इस देश को जीत पाएँगे।

इल्लुमिनाती क्या है ?

एक ऐसा गुप्त संगठन जो १०० से ज्यादा देशों मे परोक्ष सरकार चला रहा है जो ८०% जनता को मरना चाहता है उसके लिए अनाज को खरीद कर गोदामों मे रखता है चाहे सड जाये मगर गरीब के मुह न पडे इसी तरह से भारत मे २१००० लोग प्रति दिन मर रहै है

ईसाई मिशनरी का काला सच….!

साल 2006 में हॉलीवुड की एक ब्लॉकबस्टर फ़िल्म The Vinci code रिलीज हुई थी जिसे भारत में प्रदर्शित होने पर रोक लगा दिया गया था...? लेकिन क्यों, ऐसा क्या था उस फिल्म में...?

Showing posts with label शब्‍दों की `कट-पेस्‍ट`. Show all posts
Showing posts with label शब्‍दों की `कट-पेस्‍ट`. Show all posts

Wednesday, July 11, 2018

शब्‍दों की `कट-पेस्‍ट` और विचारों की `असेंबलिंग` रिसाइकल बिन में रिश्ते..!!

उस दिन मेरा कंप्‍यूटर मुझसे फालतू में ही उलझ रहा था।

`कमांड पे कमांड... कमांड पे कमांड गुरु मेरे संग रह रहकर मशीनी हो चुके हो तुम..!`   
`अबे ! तेरी ये मजाल स्‍क्रीन के अंदर ही बना रह ज्‍यादा फैलने की कोशिश मत कर..!`
`गुरु ! मैं तो रह लूंगा तुम भी तो अपनी जिंदगी की स्‍क्रीन के अंदर रहने की कोशिश करो..! मुझसे ज्‍यादा ही दोस्‍ती के चक्‍कर में तुम्‍हारे रिश्‍तों की जीवंतता ना खो जाए कहीं..!`

`अबे..! काहे किलप रहा है क्‍या  हो गया तुझे ?`

‘मुझे क्‍या होना है हुआ तो तुम लोगों को हैं। जिस तरह से आपकी जिंदगी में शब्‍दों की `कट-पेस्‍ट` और विचारों की `असेंबलिंग` चल रही है उसी वजह से इन दिनों आपके रिश्ते `रिफ्रेश` नहीं हो पा रहे हैं। आपको यूं नहीं लगता जैसे इस टेक-सेवी युग में भावनाएं भी मशीनी होती जा रही हैं। `कमांड` देकर `स्विच ऑफ` और `स्विच ऑन` करने वाली। संबंधों से गर्मजोशी गायब हो रही है। सुख है, सुविधा है, सुकून खो गया है। भागमभाग करके `टारगेट` पूरे किए जा रहे हैं, जबकि राडार पर अपने बच्‍चे ही नहीं आ रहे हैं, उनके साथ बिताने के लिए समय ही नहीं है। एसएमएस भी `फारवर्ड` किए जा रहे हैं क्‍योंकि रोमांटिक बातों के लिए भी वक्‍त नहीं है। मैसेज भी पहुंच जरूर रहा है लेकिन अहसास का ‘लाइनलॉस’ प्रभाव नहीं छोड़ पा रहा है। इसीलिए तो रिश्‍ते जल्दी ही बेजान हो रहे हैं तो रिसाइकल बिन में डालकर उन्हें अर्थी की तरह ढोया जाने लगता है। आदमी के दिमाग में राम नाम सत्‍य  की `रिंगटोन` तो बिना कहे बजती जा रही है।

`तो करें क्‍या बे ?`

संबंधों को `रिस्‍टार्ट` भी करना चाहे तो पहल करने की समस्‍या है।
  `सॉरी` ओल्‍ड वर्जन हो चुका है। जबकि ईगो के एक से बढ़कर एक वर्जन सामने आ रहे हैं। ऊपर से गलतफहमी के `वायरस` से बचाने वाला मां-बाप या करीबी दोस्‍तों वाला `एंटी वायरस` `हम-तुम` वाली जिंदगी के सॉफ्टवेयर में अपलोड ही नहीं किया जा रहा है। नतीजे रिश्‍ते `करप्‍ट` हो रहे हैं। अविश्‍वास का `स्‍पैम` भारी पड़ रहा है।

    जिन विषयों को प्राथमिकता के साथ डेस्‍कटॉप पर `सेव` होना चाहिए वे `डिलीट` किए जा रहे हैं। मशीनी जिंदगी में तो दिए जा रहे कमांड का रिजल्‍ट इतना सटीक है कि बचकानापन करने की कोई गुंजाइश ही नहीं है। सोचिए बंधु!  रिश्‍ते कोई गणित का समीकरण होते है क्‍या ? संबंधों के तयशुदा फॉमूले होते हैं क्‍या ? जो सही किया तो सही जवाब ही मिलेगा। अरे रिश्‍तो में बचपना ना हुआ फलेंगे फूलेंगे कैसे?

तो किसी दिन मौका देखकर जिंदगी के कंप्‍यूटर को `रिबूट` कीजिए न! कुछ बचपने वाली फाइलें डाउनलोड कीजिए न! अच्‍छे पलों को हर बार सेव कीजिए न! रोजमर्रा में `स्‍पेस` का बटन दबाते रहिए न! जीवन में मॉल कल्‍चर के साथ  मां-बाप को भी `एंटर` कीजिए न! कड़वाहटों को `रिप्‍लेस` करके निश्चित तौर पर जानिए। आप `कट-पेस्‍ट` वाली जिंदगी से आप उस एवरग्रीन वाले मोड में आ जाएंगे जहां खुशियों पर आपका पुख्‍ता `कंट्रोल` होगा। जो जालिम जमाने के कितने भी जोर पर कहीं `शिफ्ट` नहीं होगा।

तो मित्रो, एक बार दुनिया जहान की बातों को `शटडाउन` करके मेरा इन बातों पर गौर करके तो देखिए, आपके रिश्‍तों की `बैटरी` हमेशा `फुलचार्ज` दिखाएगी सच मानिए..!